महिलाओं ने अर्थी को कंधा दे की नई शुरुआत !!

महिलाओं ने अर्थी को कंधा दे की नई शुरुआत !!



स्थानीय परसो विगहा निवासी पत्रकार चन्द्रशेखर प्रसाद जी की १०७ वर्षीया मां  रेशमी देवी की मौत पर घर के महिलाओं ने पीढि़यों की परम्परा तोड़ शव को कंधा दिया. यहां शव को गांव में घुमाने की प्रथा कायम है. इस प्रथा को महिलाओं ने निभाकर पुरूषों को यह संदेश दिया कि चाहे सामान्य धार्मिक कार्य में हम पीछे नहीं रहने वाले हैं.

 

महिलाओं की इस साहस को देख पुरूष अचभित दिखे. मृतका की बेटी उषा देवी, सुमीत्रा देवी, बहु सुभा देवी, लक्ष्मी देवी आदि ने शव को कंधा दिया. आम तौर पर इस गांव में महिलाएं शव को कंधा नहीं देती है. यहां आम तौर पर महिलाएं देहरी भी नहीं लांघती है. इस कारण यह घटना चर्चा का विषय बना हुआ है.

 

इन सभी माता और बहनो को हमारे प्रबोधन परिवार की तरफ से सलाम. प्यारे दोस्तो स्त्री दुय्यम नही बल्की पुरषो समान है. नारीशक्ती को हमारा सलाम !!



संदर्भ-  http://www.jagran.com//bihar/shiekhpura-10423071.html


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