मुसलमानो के लिए ये समझना जरूरी है..

मुसलमानो के लिए ये समझना जरूरी है..



मुसलमानो के लिए ये समझना जरूरी है कि पूर्वाग्रह वाली मानसिकता से कुछ हासिल होने वाला नहीं है. वो भारत के स्वाभिमानी नागरिक हैं और रहेंगे. हिंदू बहुमत की तरह मुसलमानों के बहुमत को भी भारतीय कानून और संविधान तक पहुँच हासिल है. लेकिन इस लक्ष्य को पाने के लिए उन्हें उस अल्पसंख्यक से टकराना होगा, जो कानून के द्वारा समस्याओं के समाधान के बजाय गैर संवैधानिक रास्ते अपनाता है. भारत में हम सांप्रदायिकता और भेदभाव का मुकाबला आक्रामकता से नहीं बल्कि बेहतर शिक्षा, आपसी बातचीत, सहानुभूति, नैतिकता और दृढ़विश्वास के साथ कर सकते हैं.

 


क्योंकि देश की बड़ी आबादी धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और न्याय का समर्थन करती है. जब दुनिया के दूसरे समाज बड़ी हद तक अपने जातीय समस्याओं का समाधान करने में सफल हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते? भारतीय मुसलमानों को ये बात अवश्य समझना चाहिए कि सैकड़ों दंगों के अनुभव के बावजूद भारत धर्मनिरपेक्ष बना रहा, क्योंकि अधिकांश भारतीय जिनका बहुसंख्यक हिंदू है दृढ़तापूर्वक धर्मनिर्पेक्ष बना रहा है.

 



विचार- अनीस अहमद भाई

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